भारत में किताब को Ban करने के कई कारण है।ऐसा इसलिए हैं क्योंकि, हमारा भारतीय समाज एक भावनात्मक समाज है. हम अगर किसी को पसंद करते है तो उसे सर पर बैठा लेते है, और अगर नापसंद हो तो उसे पूरी तरह से नकार देते है। हमारे देश में कुछ भी लिखने और बोलने से पहले 100 बार सोचना पड़ता हैं।
आज हम आपको ऐसी किताबों के बारे में बताएँगे जिसे भारत में पढ़ना तो दूर है बाहर से मंगाना भी एक क़ानूनी अपराध है।
क़िताब – Godman to Tycoon:The Untold Story of Baba Ramdev
लेखिका – प्रियंका पाठक नारायण
प्रकाशित – Juggernaut Publisher


यह पुस्तक 2017 में लिखी गई थीं। यह पुस्तक बाबा रामदेव के जीवन पर आधारित थी। इस पुस्तक के खिलाफ बाबा रामदेव ने Petition दाखिल करके इसमें प्रतिबन्ध लगवाया। उनका कहना था की यह पुस्तक बाबा रामदेव के बारे में बहुत गलत और भ्रमिक बातें बताती है। यह किताब उनके सार्वजनिक जीवन को कलंकित करती हैं।इसलिए इस किताब को BAN कर दिया गया।
क़िताब – The Face of Mother India
लेखिका – Catherine Meyo
प्रकाशक – Hamish Hamilton
यह किताब एक अमेरिकन लेखिका ने अपनी यात्रा वृतांत पर लिखा था।
इसमें उन्होंने उस वक़्त के हिंदू समाज में फैली कुरीतियों जैसे बाल-विवाह , सती-प्रथा, दलितों के प्रति उस समय के समाज में हो रहे अत्याचार के बारे में लिखा। परन्तु इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने ये औचित्य साबित करने की कोशिश की भारत स्वराज के काबिल नहीं है और ‘सभ्य ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन’ ज्यादा अच्छा है।
इस पुस्तक के खिलाफ इतना आक्रोश हुआ की पुरे भारत देश में इसकी प्रतियाँ जलाई गईं। महात्मा गाँधीजी ने इस पुस्तक के ख़िलाफ़ बहुत तीखी टिप्पणी करते हुए कहा – ‘Mother India” Is in Part Truthful, but Shows Untruthful Picture’.इस तरह भारत में इस किताब को Ban कर दिया गया.
क़िताब – The Satanic Verses
लेख़क – Salman Rushdie
इस किताब के लेखक एक विवादास्पद लेखक रहे है। उनकी पुस्तक कोई न कोई विवाद में जरूर आ जाती है। यह किताब को प्रतिबंधित करने का कारण ईश – निंदा दिया गया। इस किताब के खिलाफ मुस्लिम कट्टरपंथी नाराज़ हो गए। उनका कहना था की इस किताब उनके पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ लिखी गई है।
यह विवाद इस कदर बढ़ गया था की सलमान रुश्दी का ‘Jaipur Literature Festival’ में आना रद्द करना पड़ा। यह किताब इस कदर मुस्लिमों को नापसंद आया था की ‘Ayatollah Khomeini‘ ने इसके विरुद्ध फतवा जारी कर दिया था।आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए इस किताब को Ban कर दिया गया।
पुस्तक – The Hindus: An Alternative History
लेख़क – Wendy Doniger
प्रकाशक -: Penguin India
यह पुस्तक हिंदुत्व को एक अलग नज़रिये से दिखने की कोशिश करती है। इस पुस्तक में लेखक ने हिंदुत्व के एक ऐसे लोगो के नज़रिये से दिखने की कोशिश की है जिनके बारे में ज्यादा पढ़ाया या बताया नहीं जाता जैसे पिछड़ा वर्ग , दलित समाज , औरतों के प्रति अत्याचारी इतिहास। इस पुस्तक कई लोगो को पसंद नहीं आई , उनका तर्क था की इसमें हिंदुत्व को निचा दिखने के लिए लिखी गई, एक तरफ़ा विचारों वाली बातें है।
इस पुस्तक के खिलाफ दीनानाथ बत्रा ने एक याचिका दायर की जिसके बाद पुस्तक के प्रकाशक ने इसे भारत में बेचने से हाथ पीछे हटा लिए और बची हुई किताब की प्रतियों को नष्ट करने में सहमत हुए। धार्मिक भावनाये आहत न हो इसलिए इस किताब को ban कर दिया गया।
क़िताब – Jinnah: India, Partition, Independence
लेख़क – Jaswant Singh
प्रकाशक – Rupa Publications India Pvt. Ltd.


यह किताब विवादों में इसलिए रही क्योंकि इस किताब में जिन्नाह की तारीफ है और जवाहर लाल नेहरू और सरदार पटेल की मुख़ालफत । जबकि जिन्ना को विभाजन का रचइता मन जाता रहा है। इस पुस्तक के बाद जसवंत सिंह को पार्टी से निकल दिया गया।जनता की भावनाओं का ख़याल रखते हुए इस किताब को Ban कर दिया गया।
क़िताब – Lajja
लेखिका – Taslima Nasrin


यह किताब बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुए दंगों के बारे में बात करती है।इस किताब से ‘Right Wing Muslim Clerics’ बहुत ज्यादा नाराज़ हो गए थे। इस किताब से लेखिका का रहना बांग्लादेश में मुश्किल हो गया और उन्हें देश छोड़कर जाना पड़ा। यह किताब बांग्लादेश में तो प्रतिबंधित है ही , साथ ही यह भारत के कई राज्यों में पूरी तरह प्रतिबंधित है।इस किताब के कारण धार्मिक सोहार्द न बिगड़े , इसलिए इस किताब को Ban कर दिया गया।
क़िताब – The Price of Power
लेख़क – Seymour Hersh
यह क़िताब एक अमेरिकन पत्रकार द्वारा लिखी गई थी। इस किताब में यह दिखाया गया था की मोरारजी देसाईं को CIA(Central Intelligence Agency) का Agent बताया गया था।इस किताब के ख़िलाफ़ मोरारजी देसाई ने मानहानि का मुक़दमा दायर किया जिसके बाद उसे भारत में 1983 में अस्थायी तौर से इस किताब को ban कर दिया गया। ।
क़िताब – The True Furquan
लेख़क – “Al Saffee” and “Al Mahdee”
यह किताब, भाषा और लेखन के तरीके से क़ुरान से काफ़ी समानताएं रखतीं थीं।परन्तु इसकी लेखनी कुरान को चुनौती देने का काम करती है और उनके लिखे गए ईश्वरीय सत्ता को चुनौती देते हुए ‘Christianity’ से प्रेरित तथ्यों पर बातें करती है. यह किताब को आंतरिक सुरक्षा का हवाला देते हुए २००५ में आयत के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
किताब – The Polyester King : The Rise of Dhirubhai Ambani.
लेख़क – Hamish McDonald.


यह किताब Dhirubhai Ambani की अनौपचारिक जीवनी पर आधारित थी। इस किताब को कई क़ानूनी चेतावनियां भेजी गई यह कह कर की इस किताब से Reliance Industries के मालिक Dhirubhai Ambani की व्यक्तिगत छवि को नुकसान होगा। परन्तु इस किताब के लेखक ने इन सब बातो को दरकिनार करते हुए 1997 को इस किताब का विमोचन Australia में कर दिया। जब इस किताब की भारत में विमोचन की बात चली तो इसके खिलाफ कई क़ानूनी कार्यवाही की गई और इसे यह विमोचित होने से रोक दिया गया।
क़िताब – Nine Hours To Rama
लेख़क – Stanley Wolpert
यह किताब और इसके तथ्यों को लेकर बानी फ़िल्म दोनों ही हमारे भारत में प्रतिबंधित है। यह किताब महात्मा गाँधीजी की हत्या को सही साबित करने की कोशिश करती है।यह बात बिना तथ्यों के यह बताती है की किस तरह आख़िरी दिनों में महात्मा गाँधीजी की सुरक्षा के ऊपर भी सवाल उठाया गया है। इस सब बातों को देखते हुए इस क़िताब को भारत में आयात करना और रखना दोनों ही क़ानूनी अपराध है।
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भाई साहब इस लेख में आपने बहुत अच्छी जानकारी दी है।
धन्यवाद !